नई दिल्ली, 13 अक्टूबर, (वीएनआई) क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के कार्यकर्ताओं और छात्रों ने बीते सोमवार को उत्तर प्रदेश भवन के सामने दनकौर में घटित दलित उत्पीड़न की घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने थानाध्यक्ष को तुरंत बर्खास्त करने की मांग उठाई।
गौरतलब है कि सुनील गौतम और उनका परिवार जिसमे उनकी पत्नी, भाई, और भाभी शामिल हैं, अपनी संपत्ति से सम्बंधित रिपोर्ट लिखने पुलिस थाने में गए थे, पर पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से इंकार कर दिया| उलटे सुनील गौतम के पूरे परिवार को अभद्रता का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया, संगठन ने आगे बताया कि यह तो और भी क्षोभनीय है, कि उनके परिवार के ऊपर दो अलग-अलग FIR दायर करी गयी हैं, जिनमे दो बच्चे भी शामिल हैं, जिसमे एक FIR कथित ‘लोगों’ द्वारी लिखाई गयी है| पुलिस द्वारा सुनील गौतम के परिवार के खिलाफ जो धाराएं लगायी गयी हैं उनमें 147, 324, 294, 307( हत्या की कोशिश), 394 और 7 CL एक्ट शामिल हैं|
केवाईएस ने आगे कहा इस घटना से यह प्रमाणित होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार दलित उत्पीड़न की बढ़ रही घटनाओं का समर्थन करती है| यह घटना उत्तर प्रदेश में व्यापक तौर पर जो कानून व्यवस्था का जो ह्रास हुआ है, उससे सम्बंधित है| यह पहली घटना नहीं है जब अखिलेश यादव सरकार में दलितों पर अत्याचार हुआ है| यह हमारे मानवीय अधिकारों का हनन है| क्रांतिकारी युवा संगठन पुलिस के असंवेदनशील रवैये की कड़ी भर्त्सना करता है जिसने महिला को ढकना के बजाये उसको खीचना ज्यादा जरूरी माना ।
केवाईएस संगठन के तीन सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को रेजिडेंट कमिश्नर के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन में निम्नलिखित मांगों को उठाया गया :-
1. सुनील और उनके परिवार के उपर लगे सभी आरोपों को वापस लिया जाए और उन्हें तुरंत जेल से रिहा किया जाए|
2. दनकौर के SHO, प्रवीन यादव को तुरंत बर्खास्त कर उनपर SC/ST कानून के तहत उत्पीड़न का मुकदमा किया जाए|
3. सुनील के परिवार को जरूरी हर्जाना मुहैया कराया जाए।
क्रन्तिकारी युवा संगठन ने साथ ही कहा अगर हमारी मांगें जल्द नहीं मानी गयीं तो अन्य जनतांत्रिक माध्यमों से हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।