नयी दिल्ली 08 -08-2017,सुनील कुमार ,वी एन आई
बन के सिपाही रौशनी के, ये नन्हे चिराग
रात भर अंधेरों से हैं लड़ते
जब तलक एक छोटी सी कोशिश न हो
दौर अंधेरों के ,स्याह रातों के ,हैं कायम रहते
क्या वक़्त आ गया क्या दौर गया
जो मौसम , तेज आंधियों की नुमाइंदगी हैं करते
वही चरागों की हिफाजत की बातें हैं करते
बिना किसी खुदगर्जी के
ये चिराग , एक दूसरे को को हैं रोशन करते
चिरागों के इसी जिंदादिल जज्बे से
शहर के शहर हैं रोशन हुआ करते
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