नई दिल्ली 29 नवम्बर (वी एनआई )राजस्थान के मेवाड़ में महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच वर्षों पुराना संपत्ति विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। यह विवाद हाल ही में तब गहरा गया जब विश्वराज सिंह मेवाड़ ने चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक फ़तह प्रकाश महल में अपने राजतिलक के बाद उदयपुर सिटी पैलेस में प्रवेश का प्रयास किया। विश्वराज सिंह के समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प ने स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया।
प्राप्त जानकारी से अनुसार विश्वराज सिंह का कहना है कि उन्हें मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश से रोकना अवैध है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और परंपराओं का उल्लंघन है। दूसरी ओर, उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के पुत्र लक्ष्यराज सिंह ने इसे कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जरूरत बताया।
प्राप्त सूचना के मुताबिक से यह विवाद भगवत सिंह मेवाड़ द्वारा संपत्तियों को लीज़ पर देने और बेचने के फैसले से शुरू हुआ था, जिससे उनके बेटे महेंद्र सिंह असहमत थे। महेंद्र सिंह ने कोर्ट का सहारा लिया, और यह विवाद अब तक चला आ रहा है। महेंद्र सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र विश्वराज सिंह ने राजतिलक के जरिए अपने दावे को मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन सिटी पैलेस और एकलिंगजी मंदिर के प्रबंधन पर अरविंद सिंह का नियंत्रण होने के कारण मामला और उलझ गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने सिटी पैलेस क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी है। पथराव और बैरिकेडिंग तोड़ने की घटनाओं के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
गौरतलब है कि विश्वराज सिंह और लक्ष्यराज सिंह के बयानों से यह स्पष्ट है कि मामला सिर्फ संपत्ति का नहीं, बल्कि परंपरा, धार्मिक अधिकार और प्रशासनिक नियंत्रण का भी है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह विवाद अदालत के फैसले से सुलझता है या बातचीत के जरिए।
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