इस्लामाबाद, 25 अक्टूबर (वीएनआई)| अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पीएमएल-एन का नेतृत्व करने से रोकने वाली याचिका को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आमिर फारूक ने मंगलवार को याचिका स्वीकार करने के बाद शरीफ, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के सचिव, पाकिस्तान के एटॉर्नी जनरल और अन्य को नोटिस जारी किए। चुनाव सुधार अधिनियम (ईआरए) 2017 को चुनौती देने वाले इसी याचिकाकर्ता ने हाल ही में दायर याचिका के माध्यम से कहा कि अयोग्य करार दिए गए व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल का नेतृत्व करने की अनुमति देना संविधान की भावना के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि शरीफ को 28 जुलाई को पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था।
याचिकाकर्ता ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के अध्यादेश (पीपीओ) 2002 के अनुच्छेद 5 के अनुसार, एक अयोग्य व्यक्ति किसी भी राजनीतिक दल की किसी भी बैठक की अध्यक्षता नहीं कर सकता। याचिका में कहा गया कि एक अयोग्य व्यक्ति ना तो किसी पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है और ना ही किसी राजनीतिक दल का नेतृत्व कर सकता है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि ईआरए 2017 संविधान की मौलिक भावना के खिलाफ है क्योंकि इस्लामी आदेश के खिलाफ कोई कानून पारित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा एक अयोग्य व्यक्ति को पार्टी का नेतृत्व करने की अनुमति देने वाला यह ईआरए कुरान और सुन्नत का भी उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि कानून किसी एक व्यक्ति के बजाए सभी लोगों की वैध जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाना चाहिए।
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