वियना, 14 नवंबर (वीएनआई)| अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ईरान ने छह प्रमुख शक्तिशाली देशों के साथ 2015 में किए गए परमाणु समझौते के प्रावधानों का अनुपालन करना जारी रखा है।
समाचार एजेंसी ने आईएईए के हवाले से बताया कि ईरान ने समझौते के तहत समृद्ध यूरेनियम की अपनी सूची में शुद्धता और मात्रा की सीमा को बनाए रखा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि वह (ईरान) कम समय में परमाणु हथियार नहीं विकसित कर सकता। आईएईए के निरीक्षकों के अनुसार, इसके अलावा हैवी वाटर का ईरानी भंडार, जिसमें से रेडियोधर्मी तत्व प्लूटोनियम को निकाला जा सकता है, अधिकतम सीमा के अधीन है। एक महीना पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को लेकर धमकी दी थी कि अगर इस समझौते की कुछ 'कमियां' दूर नहीं हुईं तो अमेरिका समझौते से अलग हो सकता है।
आईएईए ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि उसके निरीक्षकों को ईरान में सभी आवश्यक सुविधाओं तक पहुंच मिल रही है और ईरान के परमाणु केंद्र इलेक्ट्रिॉनिक निगरानी जैसे समझौते के मुताबिक कार्यान्वित हो रहे हैं। जनवरी 2016 में हुए परमाणु समझौते के मुताबिक, इस्लामिक गणराज्य को 10 से 25 साल की अवधि तक कई विभिन्न परमाणु गतिविधियों को सीमित रखना होगा। इसके बदले में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने ईरान पर लगे व्यापारिक, कूटनीतिक और परमाणु प्रतिबंधों को हटाने पर सहमति जताई थी। ट्रंप द्वारा इसे खराब समझौता कहकर दबाव बनाए जाने पर आईएईए के निदेशक जनरल युकिया अमानो ने पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली से मुलाकात करने के लिए अमेरिका की यात्रा की। अमानो ने इस समझौते को दुनिया में सबसे 'मजबूत परमाणु सत्यापन व्यवस्था' बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि आईएईए निरीक्षकों को ईरान द्वारा समझौते का अनुपालन किए जाने के संबंध में निगरानी करने के लिए सभी सुविधा मिल रही है।
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