लंदन 8 मई (वीएनआई) ब्रिटेन में आम चुनावों के लिए हो रहा मतदान खत्म होने पर बीबीसी, आईटीवी और स्काई न्यूज़ के लिए किए गए एक्ज़िट पोल के अनुसार डे्विड कैमरन की कंज़रवेटिव पार्टी 316 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी होगी जो कि बहुमत से 10 कम होंगी ,हालांकि यह एक्ज़िट पोल पर आधारित नतीजे हैं पर वास्तविक नतीजे कुछ ही देर तक आने शुरू हो जाएंगे जबकि आज दोपहर तक पूरे नतीजे आ जाएंगे.
वहीं एड मिलीबैंड की लेबर पार्टी को एक्ज़िट पोल के अनुसार 239 सीटें मिल सकती हैं.
एक्ज़िट पोल्स के अनुसार लिबरल-डेमोक्रेटिक पार्टी को सिर्फ़ दस सीटें जबकि निकोला स्टर्जन की स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) को 58, प्लेड केमरू यानी पार्टी ऑफ़ वेल्स को चार, यूनाइटेड किंगडम इंडीपेंडेट पार्टी (यूकिप) को दो और ग्रीन पार्टी को दो सीटें मिल सकती हैं.
गौरतलब है कि इस चुनाव में कुल 650 सांसदों का चयन होगा और मतदान के लिए करीब पांच करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया था। इन मतदाताओ ने आम चुनावों के साथ ही 290 इंग्लिश स्थानीय निकायों की 10,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी वोट डालें। चुनाव में भारतीय मूल के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में लेबर पार्टी के कीथ वाज शामिल हैं, उनकी लीसेस्टर पूर्व की सीट इस बार भी सुरक्षित लगती है। उनकी बहन वालेरी वैज अपनी वलसाल साउथ सीट को बचाने की कोशिश में हैं। लेबर पार्टी के एक और दिग्गज वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से तथा सीमा मल्होत्रा फेल्टहम और हेस्टन से चुनाव लड़े हैं । कंजर्वेटिव पार्टी से भी भाई-बहन की एक भारतवंशी जोड़ी भी चुनावी नतीजों का इंतज़ार कर रही है ।
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से चुनाव लड़े हैं । कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़े हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। इन चुनावों मे पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली ।
चुनाव पूर्व किये गये सर्वेक्षणो मे कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला बताया गया था और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना बतायी जा रही थी । मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय आज परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा