नई दिल्ली 28 मार्च (सुनील कुमार/वीएनआई) फ़िरोज़ ख़ान का जन्म: 25 सितंबर, 1939 को हुआ – मृत्यु: 27 अप्रैल, 2009 को हुई वो फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता एवं फ़िल्म निर्माता-निर्देशक थे। फ़िरोज़ ख़ान अपनी ख़ास शैली, अलग अंदाज़ और किरदारों के लिए जाने जाते रहे।
फ़िल्मों से अभिनय के बाद उन्होंने निर्देशन की तरफ रुख किया। उन्होंने लीक से हट कर फ़िल्में बनाई। 70 से 80 के दशक के बीच उनके निर्देशन में बनी फ़िल्में धर्मात्मा, क़ुर्बानी, जांबाज और दयावान बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई। वर्ष 1975 में बनी धर्मात्मा पहली भारतीय फ़िल्म थी जिसकी शूटिंग अफ़ग़ानिस्तान में की गई। यह एक निर्माता निर्देशक के रूप में फ़िरोज़ की पहली हिट फ़िल्म भी थी। 1998 में फ़िल्म प्रेम अगन से उन्होंने अपने बेटे को फ़िल्मों में लाने का काम किया । 2003 में उन्होंने अपने बेटे और स्पोर्ट्स प्यार के लिए फ़िल्म 'जानशीं' बनाई । फ़िरोज़ ख़ान ने आखिरी बार फ़िल्म वेलकम में काम किया। फ़िल्म वेलकम में भी उनका वही बिंदास स्टाइल नजर आया जिसके लिए वह जाने जाते हैं फ़िरोज़ ख़ान को बालीवुड की ऐसी शख्सियत के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने फ़िल्म निर्माण की अपनी विशेष शैली बनाई थी। फ़िरोज़ ख़ान की निर्मित फ़िल्मों पर नजर डालें तो उनकी फ़िल्में बड़े बजट की हुआ करती थीं। जिनमें बड़े-बड़े सितारे, आकर्षक औैर भव्य सेट, खूबसूरत लोकेशन, दिल को छू लेने वाला गीत, संगीत औैर उम्दा तकनीक देखने को मिलती थी। अभिनेता के रूप में भी फ़िरोज़ ख़ान ने बालीवुड के नायक की परम्परागत छवि के विपरीत अपनी एक विशेष शैली गढ़ी जो आकर्षक औैर तड़क-भड़क वाली छवि थी। उनकी अकड़कर चलने की अदा औैर काउब्वाय वाली इमेज दर्शकों के मन में आज भी बसी हुई हैै। फ़िल्म निर्माण औैर निर्देशन के क्रम में फ़िरोज़ ख़ान ने हिन्दी फ़िल्मों में कुछ नई बातों का आगाज किया। अपराध फ़िल्म में भारत की पहली फ़िल्म थी जिसमें जर्मनी में कार रेस दिखाई गई थी। धर्मात्मा की शूटिंग के लिए वह अफ़ग़ानिस्तान के खूबसूरत लोकेशनों पर गए। इससे पहले भारत की किसी भी फ़िल्म का वहां फ़िल्मांकन नहीं किया गया था। अपने कैरियर की सबसे हिट फ़िल्म क़ुर्बानी से फीरोज ख़ान ने पाकिस्तान की पॉप गायिका नाजिया हसन के संगीत कैरियर की शुरुआत कराई। मशहूर फ़िरोज़ ख़ान ने चार दशक लंबे सिने कैरियर में लगभग 60 फ़िल्मों में अभिनय किया। उनकी उल्लेखनीय फ़िल्मों में कुछ हैं आग, प्यासी शाम, सफर, मेला, खोटे सिक्के, गीता मेरा नाम, इंटरनेशनल क्रुक, काला सोना, शंकर शंभु, नागिन, चुनौती, क़ुर्बानी वेलकम आदि।
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