मुंबई, 16 फरवरी (वीएनआई)| लेखक, निर्देशक एवं निर्माता विक्रम भट्ट को फिल्म निर्माता के बजाय कथाकार कहलाना ज्यादा पसंद है। वह कहते हैं कि उनके लिए कहानी दिखाने के लिए मंच मायने नहीं रखता।
भट्ट ने बीते बुधवार को वीबी पर अपना ओटीटी (शीर्ष पर) मंच जारी किया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह थिएटर के बजाए फोन और डिजिटल माध्यमों पर उपलब्ध कंटेट से निजी तौर पर प्रभावित हुए हैं? उन्होंने इसके जवाब में कहा, मैं फिल्मकार नहीं हूं, बल्कि कथाकार हूं। इसमें अंतर है। मैंने टेलीविजन भी किया है और किताब भी लिखी है। मुझे कहानियां सुनाना पसंद है और यह यात्रा वास्तव में फेसबुक से शुरू हुई। उन्होंने कहा, मैं एक दिन में एक कहानी लिखता था और वे कहानियां इतनी लोकप्रिय हुई कि मुजे इन पर लघु फिल्में बनाने के लिए कई प्रोडक्शन हाउस से प्रस्ताव मिले। इस तरह डिजिटल माध्यमों पर मेरा रुझान बढ़ा।
No comments found. Be a first comment here!