नयी दिल्ली 29 मई-2017 (सुनील कुमार -वीएनआई)
पृथ्वीराज कपूर का जन्म: 3 नवंबर, 1906 को पंजाब में हुआ और - मृत्यु: 29 मई, 1972 मुबई में हुई वे हिंदी फ़िल्म और रंगमंच अभिनय के इतिहास पुरुष, जिन्होंने मुंबई में पृथ्वी थिएटर स्थापित किया। भारतीय सिनेमा जगत के युगपुरुष पृथ्वीराज कपूर का नाम एक ऐसे अभिनेता के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी कड़क आवाज, रोबदार भाव भंगिमाओं और दमदार अभिनय के बल पर लगभग चार दशकों तक सिने दर्शकों के दिलों पर राज किया।
आकर्षक व्यक्तित्व व शानदार आवाज़ के स्वामी पृथ्वीराज कपूर ने सिनेमा और रंगमंच दोनों माध्यमों में अपनी अभिनय क्षमता का परिचय दिया हालांकि उनका पहला प्यार थिएटर ही था। उनके पृथ्वी थिएटर ने क़रीब 16 वर्षों में दो हज़ार से अधिक नाट्य प्रस्तुतियां कीं। पृथ्वी राज कपूर ने अपनी अधिकतर नाट्य प्रस्तुतियों मे महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। थिएटर के प्रति उनकी दीवानगी स्पष्ट थी। पृथ्वी थिएटर की नाट्य प्रस्तुतियों में सामाजिक जागरूकता के साथ ही देशभक्ति और मानवीयता को प्रश्रय दिया गया। वर्ष 1944 में स्थापित पृथ्वी थिएटर के नाटकों में यथार्थवाद और आदर्शवाद पर भी पर्याप्त ज़ोर दिया गया।]
इसी दौरान पृथ्वीराज कपूर की मुग़ले आजम, हरिश्चंद्र तारामती, सिकंदरे आजम, आसमान, महल जैसी कुछ सफल फ़िल्में प्रदर्शित हुई। वर्ष 1960 में प्रदर्शित के. आसिफ की मुग़ले आजम में उनके सामने अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे, इसके बावजूद पृथ्वीराज कपूर अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। इसके साथ ही उन्होंने फ़िल्म कल आज और कल में भी यादगार भूमिका निभाई साथ थे पुत्र राज व् पौत्र रणधीर । वर्ष 1969 में पृथ्वीराज कपूर ने एक पंजाबी फ़िल्म नानक नाम जहां है में भी अभिनय किया। फ़िल्म की सफलता ने लगभग गुमनामी में आ चुके पंजाबी फ़िल्म इंडस्ट्री को एक नया जीवन दिया।
पचास के दशक में पृथ्वीराज कपूर की जो फ़िल्में प्रदर्शित हुईं उनमें शांताराम की दहेज 1950 के साथ ही उनके पुत्र राज कपूर की निर्मित फ़िल्म आवारा प्रमुख है। फ़िल्म आवारा में पृथ्वीराज कपूर ने अपने पुत्र राजकपूर के साथ अभिनय किया। साठ का दशक आते-आते पृथ्वीराज कपूर ने फ़िल्मों में काम करना काफ़ी कम कर दिया।
29 मई 1972 को ये महान कलाकार इस दुनिया को अलविदा कह गया !