नई दिल्ली 21नवम्बर (वीएनआई ) अडानी समूह के खिलाफ अमेरिका के न्याय विभाग और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) द्वारा रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद, समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अडानी ग्रीन के शेयरों में लगभग 20 प्रतिशत तक की कमी देखी गई, जिससे बाजार में उथल-पुथल मच गई। आरोपों के मुताबिक, अडानी समूह ने भारत में सोलर एनर्जी के कॉन्ट्रैक्ट्स को हासिल करने के लिए रिश्वत का भुगतान किया था, जिससे निवेशकों के बीच डर और अनिश्चितता का माहौल बन गया है।
अडानी समूह का खंडनः इन आरोपों को अडानी समूह ने पूरी तरह से खारिज किया है और इन्हें 'बेबुनियाद' बताया है। समूह के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “अमेरिकी न्याय विभाग और यूएस SEC द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। जैसे कि अमेरिकी न्याय विभाग ने स्वयं कहा है कि आरोप केवल आरोप हैं और आरोपियों को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक उनकी दोषिता साबित न हो।”
क्या हैं आरोप?ः मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रुकलिन कोर्ट में दायर आरोपों में यह दावा किया गया है कि गौतम अडानी और अन्य उच्च अधिकारियों ने भारत में सोलर एनर्जी के कॉन्ट्रैक्ट्स को प्राप्त करने के लिए $250 मिलियन (करीब ₹2,100 करोड़) की रिश्वत योजना बनाई। इन आरोपों में यह भी कहा गया है कि अडानी समूह ने अमेरिकी निवेशकों से गलत जानकारी दी और संघीय कानूनों का उल्लंघन किया।
अडानी समूह की प्रतिक्रियाः मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अडानी समूह ने अपने बयान में कहा कि वह हमेशा पारदर्शिता, सर्वोत्तम शासन और नियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों का पालन करता है। समूह ने यह आश्वासन दिया कि वह सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेगा और पूरी तरह से कानून का पालन करता रहेगा। प्रवक्ता ने यह भी कहा, “हम अपने हितधारकों, कर्मचारियों और भागीदारों को भरोसा दिलाते हैं कि हम एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं।”
यह मामला अडानी समूह के लिए एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करता है, लेकिन समूह ने इसे साजिश करार देते हुए कानूनी लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है।
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